जीवन पथ पर तेरी भक्ति से
संवारना हैइस जीव को
शाश्वत देह की आत्मलीनता से
संवारना है इस जीव को
नैसर्गिक प्रकृति को अपना कर
संवारना है इस जीव को
मानव धर्म सह मोक्श यात्रा से
सवारना है ईस जीव को
Friday, April 27, 2007
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